Preliminary Texts
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।।श्रीः।। |
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न च प्राणसंज्ञो न वै पञ्चवायु |
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न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ |
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न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं |
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न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः |
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अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो |