Devotional Hyms - Shiva
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।।श्रीः।। |
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नम्राङ्गाणां भक्तिमतां यः पुरुषार्था |
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मोहध्वस्त्यै वैणिकवैयासिकिमुख्याः |
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भद्रारूढं भद्रदमाराधयितृ़णां |
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गर्भान्तःस्थाः प्राणिन एते भवपाश |
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वक्त्रं धन्याः संसृतिवार्धेरतिमात्रा |
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तेजःस्तोमैरङ्गदसंघट्टितभास्व |
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दध्याज्यादिद्रव्यककर्माण्यखिलानि |
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क्षिप्रं लोके यं भजमानः पृथुपुण्यः |
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णानेत्येवं यन्मनुमध्यस्थितवर्णा |
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मूर्तिश्छायानिर्जितमन्दाकिनिकुन्द |
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तप्तस्वर्णच्छायजटाजूटकटाह |
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येन ज्ञातेनैव समस्तं विदितं स्या |
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मत्तो मारो यस्य ललाटाक्षिभवाग्नि |
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ह्यम्भोराशौ संसृतिरुपे लुठतां त |
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मेधावी स्यादिन्दुवतंसं धृतवीणं |
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धाम्नां धाम प्रौढरुचीनां परमं य |
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प्रत्याहारप्राणनिरोधादिसमर्थै |
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ज्ञांशीभूतान्प्राणिन एतान्फलदाता |
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प्रज्ञामात्रं प्रापितसंबिन्निजभक्तं |
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यस्यांज्ञानादेव नृणां संसृतिबोधो |
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छन्नेऽविद्यारूपपटेनैव च विश्वं |
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स्वापस्वप्नौ जाग्रदवस्थापि न यत्र |
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हा हेत्येवं विस्मयमीयुर्मुनिमुख्या |
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यैषा रम्यैर्मत्तमयूराभिधवृत्तै |