Devotional Hyms - Devi
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।।श्रीः।। |
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घृतक्षीरद्राक्षामधुमधुरिमा कैरपि पदै |
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मुखे ते ताम्बूलं नयनयुगले कज्जलकला |
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विराजन्मन्दारद्रुमकुसुमहारस्तनतटी |
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नवीनार्कभ्राजन्मणिकनकभूषापरिकरै |
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हिमाद्रेः संभूता सुललितकरैः पल्लवयुता |
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सपर्णामाकीर्णां कतिपयगुणैः सादरमिह |
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विधात्री धर्माणां त्वमसि सकलाम्नायजननी |
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प्रभूता भक्तिस्ते यदपि न ममालोलमनस |
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कृपापाङ्गालोकं वितर तरसा साधुचरिते |
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महान्तं विश्वासं तव चरणपङ्केरुहयुगे |
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अयः स्पर्शे लग्नं सपदि लभते हेमपदवीं |
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त्वदन्यस्मादिच्छाविषयफललाभे न नियम |
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स्फुरन्नानारत्नस्फटिकमयभित्तिप्रतिफल |
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निवासः कैलासे विधिशतमखाद्याः स्तुतिकराः |
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वृषो वृद्धो यानं विषमशनमाशा निवसनं |
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अशेषब्रह्माण्डप्रलयविधिनैसर्गिकमतिः |
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त्वदीयं सौन्दर्यं निरतिशयमालोक्य परया |
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विशालश्रीखण्डद्रवमृगमदाकीर्णघुसृण |
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वसन्ते सानन्दे कुसुमितलताभिः परिवृते |